मैं टूट कर बिखर गया..
दुनिया मानो समंदर हो गयी,
और एक जहाज़ इसमें डूब गया,
किसी को पता ना चला...
मैं अँधेरे का शेह्ज़दा,

कब मैं झूठे व्यक्तित्व का पुलिंदा बना,
कब मेरे चेहरे पे उदासी का साया चढ़ गया,
किसी को पता ना चला...
दिल और प्यार तो था बेशुमार,
फिर भी मैं राजा से रंक बन गया,
सोचना समझना बस में नहीं था मेरे,
मेरे जीवन का मतलब अब सिर्फ आक्रोश है,
पर किसी को पता ना चला...
कुछ कागज़ के पत्तों के नाम पर ,
प्यार मेरा परवान चढ़ गया,
किसी को पता ना चला...
वो आने वाले कल में घुलती रही,
मैं अपने बीते हुए कल में सिमट गया,
प्यार मेरा परवान चढ़ गया,
किसी को पता ना चला...
वो आने वाले कल में घुलती रही,
मैं अपने बीते हुए कल में सिमट गया,
किसी को पता ना चला...
जी रहा हु अब कैसे,
या मैं राख हो गया,
या मैं राख हो गया,
किसी को पता ना चला...
किसी को पता ना चला...
दुनिया मानो समंदर हो गयी,
और एक जहाज़ इसमें डूब गया,
किसी को पता ना चला...
मैं अँधेरे का शेह्ज़दा,
अंधेरों से खुद ही डरने लगा,
किसी को पता ना चला...

कब मैं झूठे व्यक्तित्व का पुलिंदा बना,
कब मेरे चेहरे पे उदासी का साया चढ़ गया,
किसी को पता ना चला...
दिल और प्यार तो था बेशुमार,
फिर भी मैं राजा से रंक बन गया,
किसी को पता ना चला...
सोचना समझना बस में नहीं था मेरे,
कब मैं आशिक से दीवाना बन गया,
किसी को पता ना चला...
उनको लगा अलग हो गए हम,
अब ये सदा का संग हो गया,
किसी को पता ना चला...
उनको लगा अलग हो गए हम,
अब ये सदा का संग हो गया,
किसी को पता ना चला...
कछुए की चाल से चल रही ये ज़िन्दगी,
कछुए की चाल से चल रही ये ज़िन्दगी,
वो रेंगता सा काँटा भी कब रुक गया,
किसी को पता ना चला...
किसी को पता ना चला...
मेरे जीवन का मतलब अब सिर्फ आक्रोश है,
आँखे नहीं अब नम मेरी अन्दर बस एक क्रोध है,
किसी को पता ना चला...
खुदा है भी या अब सिर्फ नाम ही है,
अब तोह यही एक "अंतर्द्वंद" है,
किसी को पता ना चला...
अब तोह यही एक "अंतर्द्वंद" है,
Hmm.. There r poems.. Good Poems.. Funny Poems.. Tacky Poems.. Sad Poems.. The thing is that.. Every poem just makes a chemical reaction where H2O is evolved with prolonged "Gehri Saas"
ReplyDeleteStart teaching Yoga too.. :P
this is the best one from your side !!
ReplyDelete:)
सोचना समझना बस में नहीं था मेरे,
कब मैं आशिक से दीवाना बन गया,
किसी को पता ना चला...
ahaa!! :)
thankx devu... u r my loveliest critic :)
Deletewow.. loved it.. :)
ReplyDeletethankx for reading.... PATIENCEFULLY... n appreciating it :)
Deletenice lines kopal specially that one
ReplyDeleteवो आने वाले कल में घुलती रही,
मैं अपने बीते हुए कल में सिमट गया,
किसी को पता ना चला...
lovely.
Nice lines... where is caption madam??
ReplyDeleteसोचना समझना बस में नहीं था मेरे,
कब मैं आशिक से दीवाना बन गया,
किसी को पता ना चला... Well Said :):)):)
Will put the caption... Blog has changed m not able to find it :-|
DeleteThankx BTW :)
Chehre par bas muskurhat thi,
ReplyDeletepar Dil main gamo ki aandhi thi,
किसी को पता ना चला...
Usko bhulne ki chah main,
Khud ko hi main bhool gaya,
किसी को पता ना चला...
Aha !! Dard hai JANAAB ANONYMOUS :)
DeleteMany Many Happy Returns of the Day!!
ReplyDeleteA very happy birthday...:):):)
i don't know who you are but i will find you and i will kill you!!
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